मुंबई मै हमला हुआ और सारे देश मै एक ही प्रश्न हुआ के ये आंतकवादी घुस कैसे गये हमारे देश मे और चर्चा होने लगी के हमारी सुरक्षा व्यवस्था मे खामी है, अरे, भाई, जब मै 1994 मै बैग्लुर मै एन.आई.ऎस.(ऎथ्लेटीकस कोच) का अभ्यास कर रहा था तब हमारी साथ हरियाणा का रंजितसिंह था जो बी.ऎस.फ.(नाम बडा परंतु काम छोटा) नोकरी कर रहा था, उस ने मुझे बताया था के बांग्लादेश की सीमा से किस तरहभ्रष्टचारी बी.ऎस.फ वाले 200 रुपिये मे बांग्लादेशी को घुसने देते थे तो ये हमारी जो सीमा है वो खुली पडी है, कोई भी व्यक्ति आराम से भारत मे घुस जाते है.
मै पोरबंदर का रहेनेवाला हुं और 1993 मे मुंबई मै जो बम्ब विस्फोट हुए, उसमे उपयोग RDX पोरबंदर से ही उतारा गया था और उस में यहा के मुस्लीम सतार मौलाना और ममुमिया ने सहायता की थी और बाद में ईन सभी को पकडा गया था और जेल भी भेज दिया गया था परंतु हमारी न्यायालय की त्रुटि के कारण आज ये सभी छुट गये और सतार मौलाना तो यहां के मुसलमान का अब नेता भी बन गये है और भाजप और कौंग्रेस के नेता उनके कदमों को छुते है.
रही बात मुंबई की तो कोई टी.वी चेनलवाले ये नहीं बोलते के ये हमलावर ईस्लामीक त्रासवादी है जो के जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को पकडी गई तो यही दंभी मीडीयावाले जोर जोर से हिन्दु आंतकवादी जैसे विशेषण उपयोग करते थे.
NDTVके दंभी ऎंकर ये बोलते थे के जब कमांडो ताज मै प्रवेश किया आंतकवादियो को मारने के लिये तो ये कमांडो “जय भवानी” ऎसे नारा लगाते थे. ईनका अर्थ ये के ईस देश में हिन्दुओं को अपने ईश्वर का भी नारा लगाने का अधिकार नही है.
और हमारे फिल्म के हिरो ‘जो दश व्यक्तिओ को अपने अकेले हाथ से विलनो को चीत करते है” वो भय के मारे अपने घर मै ही बैठे रहे और जब सभी त्रासवादी मारे गये तब ये बबुचक हाथ मै मोमबती लेके निकले, अर्थात हमारे समाज का वास्तविक हिरो कौन है ? फिल्म के हिरो या राजकिय नेता या सशस्त्र दल के सैनिक ?
आमीरखान,शबाना आजमी, जावेद अख्तर और तीस्ता शेतलवाड जैसे मानवाधिकारवाले मुंबई मे मृत्यु हुए व्यक्तिओं को न्याय दिलाने के लिये ईन ईस्लामीक त्रासवादी के विरुध्ध कोई अभ्यान शरु करेंगे ? गोधराकांड मे तो ईन दंभीओने बहुत उछ्ल-कुद कर सारे विश्व में कागरोल मचाई थी ?
अब रही दिपक चोपरा की जौ अमेरीका मै बैठ के बोलता है के “मुस्लीम पे अत्याचार हो रहे है
ईसलिये ये हमले कर रहे है”.ये दिपक चोपरा जो योग को भी याने धर्म को भी बेचनेवाला(धर्म को बेचना ये अपनी माँ के बेचने बराबर है) ने कभी ईतिहास पढा है ? के ईस देश के हिन्दओं के ऊपर 1200 वर्ष से ईस्लाम ने अत्याचार किया है और आज भी ये कार्य चालु है और हिन्दुओ ने तो अपने धर्म को बचाने के लिये प्रतिरोध किया था, क्या हिन्दुओ को ईसका भी अधिकार नहीं ? यदि दिपक चोपरा की बात माने तो अमेरीका मै 9/11 हुआ ये भी क्या मुस्लीमों के उपरअत्याचार के कारण हआ ? परंतु मी. दिपक चोपरा ईस देश के कायर हिन्दओ के विरुध्ध बोल सकते है टी.वी.. के उपर परंतु अमेरीका के विरुद्ध या 9/11 के तरफदारी मै नहीं बोंलेगे क्युं के उसे धारणा है के यदि वो बोलेंगे तो अमेरीका 24 घंटे मै उसको पकड कर जेल में भेज देगे.
याने हम हिन्दुओ को अब स्वीकार कर लेना चाहिये के हम कायर है और ईन राक्षसो को आहार बनते जायेंगे, क्युं के हम ना तो सर्ब है जो अपने बाप-दादा का वैर लेने के लिये बोस्नीया मै जो उसने किया वो कर सके और ना तो हम यहुदी है जो अपने शत्रुओं को ईस तरह विश्व से नष्ट कर देते है के शत्रु दुसरी बार जन्म लेने से भी गभराते है. हा, हम है लालु, मुलायम,मायावती,अडवानी,सोनिया और करुणानिधि जो अपने ही लोगो को खा कर आराम से वर्तमान काल को ईश्वर की पदवी दे कर पुजनेवाले.
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