Hindu civilizationa & culturels protections also movement to Akhand Bharat - हिंन्दु स्भ्यता,संस्क्रुति का रक्षण करना ऎवं अखंड भारत का निर्माण करना.
Thursday, September 26, 2013
हिजडे नेता...eunuch politician
हम देखेगें, अब नहीं सहन करेंगे, ऎसी बाते सुन कर अब तो थक गये है, जिस देश के ऎसे हिजडे जैसे राजकिय नेता हो और ईस के लिये उतरदाय प्रजा भी है क्यों के जिस देश की प्रजा मे स्वमान नहीं है उसे ऎसे ही नेता मिलते है, प्रधान मंत्री कायर ओर प्रजा भी बस नाच-गान और अपने ही स्वार्थ मै पडी है.
सब जानते है के आंतकवाद पालन और पोषण पाकिस्तान करता है फिर भी हम उस से मंत्रणा करते रहते है.लश्कर के उच्च अधिकारी भी ऍसो आराम से अपनी पेट भरते रहते उनको भी कोई चिंता नहीं के सैनिक मर रहे.हमसे तो अच्छे आफ्रिका के उन छोटे देश जो अपने देश के स्वमान के लिये युध्ध कर लेते है..
उदाहरण हमारे सामने है ईजिप्त का, जिस के लश्कर ने सता पलट कर ईस्लामी आंतकवाद् को कुचल डाला, थोडे ही दिन पहले जब मणिपुर मै विस्फोट हुआ, किसी भी समाचार चैनल ने मुख्य समाचार मै नहीं लिया यदि किसी अभिनेता पेशाब करने गया होता और उस को चौट आ जाती तो सारे दिन यही समाचार दिखाया करते के कैसे उसको चौट आयी अर्थात हमारे मै कोई राष्ट्री भावना है ही नही.
मनमोहन हो या मोदी,कोई भी हमारा सरंक्षण नहीं करेंगे, सारे विश्व मै हमारी तुलना किडे-मंकोडे सी कि जाती है. नंपुसक जैसे हम हो गये है.
हमारा स्वाभिमान ईतना नीचे गिर गया है के जो हमारे शत्रु है एवं हमारे देश के ऊपर विश्वासघात करके हमला कर के हमारे सैनिको की हत्या करनेवाले पाकिस्तान के भूतपूर्वसरमुख्यतारमुशरफकोअपनेदेश मै बुला कर तंदूरी चिकन खिला कर और ईनकी नालायक बात सुनते है. और ये काम भी किया है अपने कौ बौध्धिक कहलानेवाले दंभी लोगोने.
क्या अमेरिका या ईसराईल किसी संस्था ईरान के प्रमुख महमूद अहमनेजाद या वेनेजुला के प्रमुख चावेज को अपने देश मे निमंत्रण दे के ईनकी बात सुनेंगे और तालिया बजायेगें ?
परँतु हमारे देश मे सब कुछ हो सकता है कल ऎसा भी हो हम दाउद जैसे गुंडे को बुलायेंगे और ईनकी बाते पंचतारक होटेल के अंदर बैठ के आराम से सुनेंगे और भी कहेंगे हम महान है.
ईस देश मे बहनेवाली सुंदर वायु मँडल को 1000 व वर्ष से दंभी हिन्दुओं ने प्रदुषित कर दिया है, मुशरफ जैसी मखी जो के हमेंशा गन्दे ढेर पै बैठनेवाली को हमारी नमकीन जैसी संस्थाये निमंत्रन दे कर, हमे जो मिठाईया खिलाई जाती है परंतु हमे ये नही पता के ईस मिठाईया खाने से हमारा स्वास्थ्य कितना बिगद जाता है, मुशरफ जैसी मखीया अपने पैर गन्दे ढेर से कई किटाणु भी लाती है और अंत हम पश्र्ताप होता है.
मुंबई मै हमला हुआ और सारे देश मै एक ही प्रश्न हुआ के ये आंतकवादी घुस कैसे गये हमारे देश मे और चर्चा होने लगी के हमारी सुरक्षा व्यवस्था मे खामी है, अरे, भाई, जब मै 1994 मै बैग्लुर मै एन.आई.ऎस.(ऎथ्लेटीकस कोच) का अभ्यास कर रहा था तब हमारी साथ हरियाणा का रंजितसिंह था जो बी.ऎस.फ.(नाम बडा परंतु काम छोटा) नोकरी कर रहा था, उस ने मुझे बताया था के बांग्लादेश की सीमा से किस तरहभ्रष्टचारी बी.ऎस.फ वाले 200 रुपिये मे बांग्लादेशी को घुसने देते थे तो ये हमारी जो सीमा है वो खुली पडी है, कोई भी व्यक्ति आराम से भारत मे घुस जाते है.
मै पोरबंदर का रहेनेवाला हुं और 1993 मे मुंबई मै जो बम्ब विस्फोट हुए, उसमे उपयोग RDX पोरबंदर से ही उतारा गया था और उस में यहा के मुस्लीम सतार मौलाना और ममुमिया ने सहायता की थी और बाद में ईन सभी को पकडा गया था और जेल भी भेज दिया गया था परंतु हमारी न्यायालय की त्रुटि के कारण आज ये सभी छुट गये और सतार मौलाना तो यहां के मुसलमान का अब नेता भी बन गये है और भाजप और कौंग्रेस के नेता उनके कदमों को छुते है.
रही बात मुंबई की तो कोई टी.वी चेनलवाले ये नहीं बोलते के ये हमलावर ईस्लामीक त्रासवादी है जो के जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को पकडी गई तो यही दंभी मीडीयावाले जोर जोर से हिन्दु आंतकवादी जैसे विशेषण उपयोग करते थे.
NDTVके दंभी ऎंकर ये बोलते थे के जब कमांडो ताज मै प्रवेश किया आंतकवादियो को मारने के लिये तो ये कमांडो “जय भवानी” ऎसे नारा लगाते थे. ईनका अर्थ ये के ईस देश में हिन्दुओं को अपने ईश्वर का भी नारा लगाने का अधिकार नही है.
और हमारे फिल्म के हिरो ‘जो दश व्यक्तिओ को अपने अकेले हाथ से विलनो को चीत करते है” वो भय के मारे अपने घर मै ही बैठे रहे और जब सभी त्रासवादी मारे गये तब ये बबुचक हाथ मै मोमबती लेके निकले, अर्थात हमारे समाज का वास्तविक हिरो कौन है ? फिल्म के हिरो या राजकिय नेता या सशस्त्र दल के सैनिक ?
आमीरखान,शबाना आजमी, जावेद अख्तर और तीस्ता शेतलवाड जैसे मानवाधिकारवाले मुंबई मे मृत्यु हुए व्यक्तिओं को न्याय दिलाने के लिये ईन ईस्लामीक त्रासवादी के विरुध्ध कोई अभ्यान शरु करेंगे ? गोधराकांड मे तो ईन दंभीओने बहुत उछ्ल-कुद कर सारे विश्व में कागरोल मचाई थी ?
अब रही दिपक चोपरा की जौ अमेरीका मै बैठ के बोलता है के “मुस्लीम पे अत्याचार हो रहे है
ईसलिये ये हमले कर रहे है”.ये दिपक चोपरा जो योग को भी याने धर्म को भी बेचनेवाला(धर्म को बेचना ये अपनी माँ के बेचने बराबर है) ने कभी ईतिहास पढा है ? के ईस देश के हिन्दओं के ऊपर 1200 वर्ष से ईस्लाम ने अत्याचार किया है और आज भी ये कार्य चालु है और हिन्दुओ ने तो अपने धर्म को बचाने के लिये प्रतिरोध किया था, क्या हिन्दुओ को ईसका भी अधिकार नहीं ? यदि दिपक चोपरा की बात माने तो अमेरीका मै 9/11 हुआ ये भी क्या मुस्लीमों के उपरअत्याचार के कारण हआ ? परंतु मी. दिपक चोपरा ईस देश के कायर हिन्दओ के विरुध्ध बोल सकते है टी.वी.. के उपर परंतु अमेरीका के विरुद्ध या 9/11 के तरफदारी मै नहीं बोंलेगे क्युं के उसे धारणा है के यदि वो बोलेंगे तो अमेरीका 24 घंटे मै उसको पकड कर जेल में भेज देगे.
याने हम हिन्दुओ को अब स्वीकार कर लेना चाहिये के हम कायर है और ईन राक्षसो को आहार बनते जायेंगे, क्युं के हम ना तो सर्ब है जो अपने बाप-दादा का वैर लेने के लिये बोस्नीया मै जो उसने किया वो कर सके और ना तो हम यहुदी है जो अपने शत्रुओं को ईस तरह विश्व से नष्ट कर देते है के शत्रु दुसरी बार जन्म लेने से भी गभराते है. हा, हम है लालु, मुलायम,मायावती,अडवानी,सोनिया और करुणानिधि जो अपने ही लोगो को खा कर आराम से वर्तमान काल को ईश्वर की पदवी दे कर पुजनेवाले.
भारत और अमेरीका के बीच अणु करार होना चाहिये या नहीं ईस बारे मे राजकिय पक्षो के बीच खेंचतान हो रही है, वैसे ईस करार से हमें लाभ है क्योंके ईससे हमें यांत्रिक जानकारी और भारी पानी जो अणु उत्पादन के लीये महत्व वस्तु है वो हम प्राप्त कर सकेंगे. यदी हम कोई अणु परिक्षण करेंगे तो अमेरीका को पहले जानकारी देनी पडेगी या हम ईस करार का भंग करना चाहते है तो 1 वर्ष पहले बताना पडेगा. अब बात आती है करार मे जो नियम है 123 कि तो ईसमें कोई ऎसी दुविधा नहीं है के हमारा ईस मे कोई गेरलाभ हो, और भविष्य में हमें बिजली कि जरुरत पडने वाली है तब हम बिजली कहाँ से उत्पन्न करेंगें ? क्या चाईना हमें देंगा ? आज भी चाईना हमारे सिक्कीम और अरुणाचल प्रदेश के उपर अपना दावा करता है और भविष्य में यदी चाईना ने हम पर हमला कर दिया तब अमेरीका एक ऎसा देश है जो हमारी सहायता करेंगा. रही वामपंथी कि तो वे तो वैसे ही हिन्दु और देश विरोधी है जब हमारे पर चाईना ने हमल किया था तब ये हरामखोर वामपंथीओने चाईना को सहायता कर रहे थे और पोखरण में अणु परिक्षण किया गया तब भी ये नालायक साम्यवादीओने विरोध किया था और आज ये दभीं साम्यवादी राष्ट्रीय हित की बात करते है ? हमारा अमेरीका के साथ 30 अबज डोलर का व्यापार है और चाईना का व्यापार अमेरीका के साथ 65 अबज डोलर का है और चाईना चाहता है के अमेरीका का व्यापार भारत से ना हो ईसीलिये ये देश-द्रोहि साम्यवादी चाईना के हाथ कि कठपुतली बनकर या चाईना को खुश करने के लिये अमेरीका का विरोध करते है. रही बात भाजपा कि, हमारे देश कि राजकिय पक्षो की जो नौंटकी चलती रहेती है ईस में ये विदुषक के पात्र का अभिनय करती आयी है,आज-तक हिन्दुओं को मुर्ख बना बना कर मत प्राप्त करती रहीं और ये भी साम्यवादी की तरह हो गयी है. दुर्जन मित्र से सज्जन शत्रु अच्छा है . read news : india benefit nuclear deal with U.S.A.
आज-कल विश्व के 7 अदभुत प्रतिको के लिये मत के लिए प्रचार किया जा रहा है और हमारा कम-भाग्य से हमारे जो हिन्दु धर्म की जो संस्थाये है उनको ये भी जानकारी नहीं है के ईस 7 अदभुत प्रतिको में सारे विश्व मे प्रसिध्ध "भगवान श्री विष्णु के मंदिर अंगकोर वाट मंदिर" जो के कंम्बोडिया मे है वो भी सामिल है. अंगकोर वाट मंदिर स्थापत्य एंव शिल्पकाम का एक अदभुत प्रतिक विश्व में बन गया है और ये मंदिर पहाडो की चटानो को काटकर बनाया गया है. मेरा अनुरोध है के आप सभी ईस अंगकोर वाट मंदिर को मत दे कर प्रथम स्थान के लिये विजेता करे. वैसे ये काम RSS और विश्व हिन्दु परिषद को करना चाहिये परंतु ये सभी का हिन्दुवाद तकवादी है. अंगकोर वाट के पक्ष में चाईना, वियेतनाम, थाईलेंड और कंम्बोडिया के नागिरोकोने प्रचार और मत के लिये आंदोलन भी शरु कर दिया है और आज चाईना वोल के बाद अंगकोर वाट 2 दुसरे नंबर पर चल रहा है.
जवानी में उसने एक बार सागर मे पेशाब किया था, और ईसी लिये, सागर की सपाटी कितनी ऊंची आ गई है, ये देखने के लिये, अपना बाकी बचा आयुष्य, खर्च कर डाला माँपने के लिये. -विदां करंदीकर कहते है के जो कायर होते है वौ दिखावा ज्यादा करते है, यही हाल शिव सेना के है, ओरकुट वेब साईट में किसीने बाला ठाकरे के विरुध कुछ लिख डाला किसीने तो ये शिव सेना के मवाली गुंडे सायबर काफे चलानेवालों के उप्रर तुट पडे. ईसमें सायबर काफे वालों क्या अपराध ? लिखनेवाला कोई और सजा निर्दोष काफे मालिको को ? और ये शिव सेना वाले कहते है के ये लिखा गया पाकिस्तान से तो तो पाकिस्तान जा के लिखनेवालो की शोध करो और आप ठाकरे परिवार को भगवान समजते है तो पाकिस्तान जा के आत्मघाती हमला करो. परंतु ये शिव सेना वाले कायर है, मुंबई में दाउद ईब्राहिम के गुंन्डे निर्दोष हिन्दु व्यापारी को परेशान करते है तब तुम्हारी बहादुरी कहाँ चली जाती है ? जब ईंकम टेक्ष वालों ने दाउद की मिल्क्त की बोली लगाई तब शिव सेना वालों ने ये मिल्क्त क्युं नहीं खरीदी ? कहां गई थी तुम्हारी बहादुरी ? जब कोई हिन्दु देवी-देवता के बिभ्स्त और नग्न चित्र याँ मजाक करते है तब तो तुम दंगा नहीं करते ? क्या बाला ठाकरे भगवान से बडा है ? में भी हिन्दु राष्ट्रवाद का समर्थक हुं परंतु ये जो शिव सेना का हिन्दुवाद है वो घटिया प्रकार का है. ऎसा हिन्दुवाद नहीं चाहिये हमें जहाँ मवाली और गुंन्डापन हो. शिव सेना और बंजरग दल जैसी संस्थाओ कागज के वाघ है, बोलते बहुत है परंतु करते कुछ भी नही, ये सब कायरो की सेना है. समाचार पढो : शिव सेना का आंतक सायबर काफेवालों पर
poor country rich politician - निर्धन देश के धनवान राजकिय नेता
हमारे देश के सामान्य व्यक्ति के लिए सुरक्षा की चिंता सरकार करती नहीं, वो चाहे बम्बं विस्फोट मे मारे जाये कोई बात नहीं परंतु हमारे माथे पे पडे ये राजकिय लोगो की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है.मै और आप बिना सुरक्षा रह सकते है परंतु ये राजकिय के नेता(यानी महाराजा) बिना सुरक्षा नहीं रह सकते है ईसीलिये अंदाजपत्र मे उनके लिए खास प्राथमिकता दी जाती है और ये चोर,लफंगे,लूटेरे यानी कामचोर नेताओ के लिये 2006-2007 में 132.41 करोड रुपिया का खर्च करने के लिये बाँटा गया था. याने Special Protection Group के लिये जो केन्द्रीय प्रधानो की सुरक्षा करती है उनके लिये 132.41 करोड, ये है हमारे निर्धन भारत के धनवान नेता. अब यही नेताओ के कहे के यदी आपको सुरक्षा चाहिऎ तो पैसा देना पडेगा तो ये सब नफ्फट हो कर कहेंगे "हमारे पास ईतना पैसा नहीं है और आप हमे सरकारी खर्च पर सुरक्षा प्रदान करो. मेरे अपना शहर पोरबंदर वैसे छोटा है परंतु यहाँ भी मैने देखा के 27 सुरक्षा कर्मचारी तो राजकिय नेताओ की सुरक्षा मे लगे है उनमे से 4 व्यक्ति के पास तो कोई पद भी नहीं परंतु फिर भी उनको सुरक्षा प्रदान की गई है. वैसे भी हमारे समाज में आज-कल सुरक्षा कर्मी (सरकार के खर्च पर) रखने की सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतिक बन गया है. जिस मवाली और गुंडे को सुरक्षा कर्मी ने थाने मे लाकर पीटाई की हों और ये गुंडा चुनाव मे जीत कर आये और जिस सुरक्षा कर्मी ने उसकी पीटाई की थी उसी को उनका सुरक्षा करने के लिये नियुकत की जायें तो उस सुरक्षा कर्मी की परिस्थिती क्या होंगी ?